गाजीपुर जिला अंतर्गत लंका के सिद्धेश्वर नगर में जिला पत्रकार समिति हाल में मिशन जामवंत से हनुमान जी के राष्ट्रीय संयोजक सूर्य कुमार सिंह के प्रमुख संयोजन में कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के संयोजन /संचालन में गाजीपुर अभिनन्दन काव्य /कला संगम एवं हिन्दी साहित्य शिरोमणि/विद्या वाचस्पति विशेष मानद डॉक्टरेट समकक्ष उपाधि प्राप्त गाजीपुर के विशिष्ट लोगों का नागरिक अभिनन्दन अवध के कवि सुखमंगल सिंह मंगल के अध्यक्षता में प्रख्यात शिक्षाविद् एवं कवि धर्मदेव यादव – मुख्य अतिथि, प्रोफेसर रणविजय सिंह, कवि कामेश्वर द्विवेदी – खण्ड महाकाव्य के रचयिता एवं कवि हरिशंकर पाण्डेय विशिष्ट अतिथि त्रय के गरिमामयी उपस्थिति में
विशेष रूप से औषधि पण्डित रंगबहादुर सिंह, धर्मदेव यादव, सूर्यकुमार सिंह, वरिष्ठ कवि एवं पत्रकार वेदप्रकाश श्रीवास्तव, कवि विनय पाण्डेय बहुमुखी,अमरनाथ सिंह, कवि कृष्णानन्द दूबे गोपाल, कवि यशवंत यादव, अश्वनी कुमार, अरविंद कुमार सिंह प्रधान, प्रभुनाथ चौहान, हेमन्त कुमार सिंह, ज्योतिप्रिया तिवारी एडवोकेट, विवेकानंद तिवारी सहित अनेकों लोगों का नागरिक अभिनंदन उमेशचंद्र शर्मा, वेदप्रकाश श्रीवास्तव,अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, कुंजबिहारी राय के स्वागत संरक्षण में संपन्न हुआ।
उक्त आयोजन में कवि सम्मेलन में कवि चिंतित बनारसी ने खुशनसीबों के घर ही, भगवन् के पैर जाते हैं,नाम से जिनके पत्थर भी पानी में तैर जाते हैं, कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने स्वागतम्- स्वागतम्, स्वागतम् हम सुनाएं कि हम कितना खुश हैं,ये कैसे बताएं, विनय बहुमुखी ने ज़िन्दगी को खुशी से जिए, ग़म को सहकर जिएं, धर्मदेव यादव ने लुप्त प्राय हो रहा,हसियां,खांची,फरसा,अब तो आ रहा अंग्रेजी मशीनरियों से भारत में सब व्यवस्था, डा.विजय नारायण तिवारी ने -यदि चाहते हो घर की दशा नेक हो जाए तो दो के बाद,भैकूंप सा तुरंत ब्रेक हो जाए, कवि सुखमंगल सिंह मंगल ने -ना मांग किसी और से उषा की रश्मियां, खुद अपने आपको स्वयं से विकास कर,जो हो ना सका उसके लिए मत निराश हो आदि कविताओं से श्रोता हुए लोटपोट।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।
आयोजन के अन्त में प्रमुख संयोजक सूर्य कुमार सिंह एवं संचालक कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने कहा कि विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुलपति डॉ संभाजी राजाराम बाविस्कर द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में क्रमबद्ध तरीके से हिन्दी एवं हिन्दुस्तान की गरिमा को गौरवान्वित करने के लिए अध्यात्म,शिक्षा, साहित्य, कला आदि अनेकों क्षेत्रों में समर्पित लोगों को डाक्ट्रेट मानद उपाधि समकक्ष अनेकों विशेष मानद सम्मान प्रदान करने का जो सराहनीय कार्यक्रमों का दौर चल रहा है। अत्यन्त सराहनीय है।इस पुनीत कार्य से प्रतिभाशाली मानद सम्मान प्राप्त करने वाले लोगों को विशेष आत्म बल मिलेगा।
विशेष सराहनीय रचना प्रख्यात कवि एवम् शिक्षाविद मनोज कुमार सिंह सहित अनेकों रचनाकारों ने प्रस्तुत किया
तत्पश्चात काशी के प्रख्यात हास्य कवि डॉ अजीत श्रीवास्तव चपाचप बनारसी को उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि और शोक श्रद्धांजलि अर्पित किया ।
बड़े ही मार्मिक शब्दों में कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने कहा कि अपने जीवन काल में बाल युवा एवम् उपेक्षित सैकड़ों कवियों,कवयित्रियों को डॉ चपाचप बनारसी ने बड़े बड़े मंचों पर आसीन करवाया और उन्हें जगजाहिर होने के काबिल बनवाया । समसामयिक चकाचक बनारसी जी के बाद चपाचप बनारसी ने मानव समाज में व्याप्त आमजन समस्याओं को अपनी रचनाओं के माध्यम से व्यक्त किया ।
एक राजनैतिक पार्टी बने,जिसका चुनाव चिन्ह हो जूता,अब बात नहीं बनेगी बतियाने से,बन सकती है सिर्फ लतियाने से तो सिर्फ जूतियाने से सहित अनेको रचनाएँ मानव समाज का आईना दिखाया ।