
लखनऊ। जनपद में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी “आयुष्मान भारत” पद पर कार्यरत डॉ पूजा यादव और प्रोफेसर राजलक्ष्मी श्रीवास्तव के संयुक्त प्रयास से “Management of Common Property Resources” नामक किताब लिखी गई है, जिसका विमोचन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने किया है. ये पुस्तक मूल रूप से लखीमपुर खीरी जनपद में रहने वाले आदिवासी जनजाति थारू के जीवन शैली संस्कृति और कला पर आधारित है. बतादे की पूजा यादव ने लखीमपुरी खीरी में अपने नियुक्ति के दौरान इस जनजाति के उत्थान के लिये बहुत काम किया है. लखीमपुर खीरी ज़िले में रहने वाली थारू जनजाति के लोग हस्तशिल्प के ज़रिए अपने जीवन का गुज़ारा करते हैं. ये लोग जूट, बनाना फ़ाइबर, और जलकुंभी से दरी, पूजा मैट, टोकरियां, टोपी, चप्पल, पर्स, और मोबाइल पर्स जैसी चीज़ें बनाते हैं. थारू जनजाति के विकास और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. एकीकृत जनजाति विकास परियोजना के तहत, लखीमपुर खीरी ज़िले के बलेरा गांव में हस्तशिल्प उत्पादन एवं विक्रय केंद्र बनाया गया है. इस केंद्र में थारू महिलाएं लूम और हथकरघे पर पारंपरिक हस्तशिल्प बनाती हैं.
डॉ. पूजा यादव ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अर्थ शास्त्र में परास्नातक करने के उपरान्त प्रथम प्रयास में ही नेट/जेआरएफ उत्तीर्ण कर वह सुभाषचन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज, लखनऊ में प्रवक्ता के पद पर चयनित हुई थी। अध्यापन कार्य के साथ वह प्रशासनिक सेवा की तैयारी भी कर रही थी जिसके चलते वर्ष 2013 पीसीएस में बीडीओ तथा वर्ष 2015 पीसीएस में एसडीएम के पद पर चयनित होने के पश्चात पूजा यादव बाराबंकी, लखीमपुर व शहजहॉपुर में कार्यरत रहीं हैं।
लखीमपुर खीरी में नियुक्जति के दौरान इस जनजाति समुदाय के लिए समर्पित रही. पूजा लखीमपुर खीरी की पलिया तहसील में एसडीएम के पद पर तैनाती के दौरान पूजा यादव ने थारू जनजाति की महिलाओं की शिक्षा व आर्थिक उत्थान के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जिसकारण उनकी थारू समाज के मध्य एक अलग पहचान स्थापित हुई। डॉ. पूजा यादव ने बताया कि अपने शोध कार्य में थारू समाज की पर्यावरण पर निर्भरता और उनके जीविकोपार्जन के समक्ष उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को काफी बारीकी के साथ रेखांकित किया है। पूजा ने अपनी सफलता का श्रेय पिता फूलचन्द यादव व माता निर्मला यादव को दिया है। पूजा के पिता जनपद में संयुक्त निदेशक अभियोजन के पद पर सेवा प्रदान कर चुके हैं।