सांसद अतुल राय को एमपीएमएलए कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया है। अतुल राय के खिलाफ वर्ष 2009 में मंडुवाडीह थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। जिसको लेकर वह लंबे समय तक जेल में अनिरुद्ध है। बता दे की सांसद अतुल राय पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। वाराणसी के एसपी एमएलए कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी। आज बीएसपी से घोसी सांसद अतुल राय के सुनवाई में फैसला आया है। बता दे की अतुल राय लगभग 4.5 साल से नैनी जेल में बंद थे और आज उनके पक्ष में फैसला आया है। कोर्ट ने अतुल राय को बरी कर दिया है। गाजीपुर के भांवरकोल थाना के बीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय वाराणसी के मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। अतुल के खिलाफ साल 2009 से लेकर अब तक 27 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
किन मामलों में गए थे जेल
लोकसभा चुनाव को लेकर जब अतुल राय ने नामांकन दाखिल किया, तभी बलिया की रहने वाली यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने अतुल राय पर चितईपुर स्थित फ्लैट पर ले जाकर दुष्कर्म का आरोप लगाया। इसके बाद एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में पीड़िता ने दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर अतुल राय ने डेढ़ माह बाद 22 जून को वाराणसी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। तब से अब तक अतुल राय जेल में ही बंद हैं। इसके बाद अतुल राय के जेल जाने के बाद ,अतुल पर लगे आरोपों पर उसके परिजन और समर्थक इसे विरोधी खेमे की साजिश करार देते रहे। वहीं, जेल में रहते हुए अतुल राय ने माफिया मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा भी बताया था