
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जेल भेजने की दी धमकी
कुत्तों का अधिकार लेकिन डाक्टरों का मानवधिकार नहीं
बच्चों को काटने वाले कुत्तों का अधिकार और इलाज करने वाले डॉक्टर का मानवधिकार नहीं
आखिर ये कैसा लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रवाह बढ़ा रही है पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी?
यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया पैनलिस्ट वैभव कुमार त्रिपाठी डबलू ने अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही।
आगे चर्चा में उन्होंने कहा कि यह सभ्य समाज में क्या आम नागरिकों के मानवधिकार समाप्त करना चाहती है पूर्व मंत्री मेनका गांधी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वाराणसी की जनता आवारा कुत्तों के काँटने से आम नागरिक परेशान हैं लेकिन कुछ लोग पशु क्रूरता निवारण की आड़ में नागरिकों को प्रताड़ित करते हैं।
बीती शाम बीएचयू डॉक्टर्स कालोनी में मेनका गांधी का नाम लेकर डाक्टरों और उनके परिवारजनों को प्रताड़ित कर रही दो महिला अभद्रता और उकसावे भरे बात करके वीडियो बना रही थी जहां मैं पहुंचा तो उन्होंने पूर्वमंत्री मेनका गांधी से फोन पर बात कराया जिसमें उन्होंने मेरे सहित सम्मानित डॉक्टर सभी को चवन्नी छाप जैसे अभद्र शब्दों का प्रयोग किया और जेल भेजने की धमकी दिया।
बीएचयू डॉक्टर्स कॉलोनी में पूर्व मंत्री भाजपा नेता मेनका गांधी के संस्था की कुछ अभद्र महिलाओं द्वारा डॉक्टर्स और उनके बच्चों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश, धमकाने और आपत्तिजनक रूप से वीडियो बनाकर वायरल करने की घटना बेहद आपत्तिजनक है।
मेनका गांधी द्वारा फोन पर सभी को जेल भेजने की धमकी देना और सभी के प्रति अभद्र टिप्पणी सत्ता के अहंकार का प्रतीक है।
“काँटने वाले कुत्तों के प्रति प्रेम और इलाज करने वाले डॉक्टर्स से नफरत” आखिर मेनका गांधी जी आपका कैसा मानवता और प्रेम है क्या डॉक्टर्स के लिए मानवधिकार नहीं है और आपके संस्था के नाम पर आपके लोग जनता का उत्पीड़न करेंगे और आप उन्हीं पीड़ित लोगों को जेल भेजने की धमकी देंगी यह कहा का न्याय और लोकतंत्र है?
जनता के पक्ष के साथ हम सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर किसने यह अधिकार दिया है कि आपके लोग लोगों के निजी अधिकारों को रौंदकर खतरनाक काटने वाले कुत्तों के अधिकार के नाम पर सम्मानित लोगों को धमकाने का कुत्सित काम करें?
मेरी मांग है कि मेनका गांधी जी कल की घटना के लिए खेद व्यक्त करें और अपनी संस्था के लोगों द्वारा सम्मानित नागरिकों को परेशान करने वाले कृत्य तत्काल रोक दें अन्यथा इसके खिलाफ जनांदोलन ही एकमात्र विकल्प होगा।