राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर में विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती समारोह (31 जुलाई 2024) बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
इस अवसर पर एम ए हिन्दी साहित्य के छात्राओं द्वारा “सर्जना”3 भित्ति पत्रिका का विमोचन प्रो अनीता कुमारी जी द्वारा किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह विभागीय सृजनात्मकता की परिचायक है। इससे विद्यार्थियों में लेखन के प्रति ललक पैदा होगी। इससे पहले सर्जना का पहला अंक गाजीपुर पर था और दूसरा अंक प्रेमचंद पर था। यह एक समान्य अंक है। जिसमें कुल दस छात्राओं के मौलिक लेख प्रकाशित हैं। वैचारिक सत्र में सद्गति, कफन, ईदगाह,बूढ़ी काकी, बलिदान,ठाकुर का कुंआ, मंत्र, पूस की रात आदि कहानियों पर क्रमशः संध्या राजभर, वंशिका सिंह, अर्चिता गुप्ता, पूनम यादव, खुशबू गुप्ता, पूर्णिमा, लक्ष्मी राय आदि ने अपने विचार रखे। इन सभी वक्ताओं ने कहानी में निहित मूल्य और अमानवीय वृत्ति को रेखांकित किया। कार्यक्रम के अन्तिम सत्र में प्रेमचंद की कहानी ‘ पंच परमेश्वर ‘ का मंचन किया गया। यह कहानी दो मित्रों अलगू चौधरी और जुम्मन मिया की है। जिसमें न्याय और नैतिक मूल्यों की स्थापना में व्यक्तीगत रिश्तों को किनारे करने की बात को स्थापित किया है। जब खाला जान अलगू चौधरी से कहती है कि क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे। तब दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। अर्चिता गुप्ता ने खाला जान के किरदार में अपने अभिनय से जान डाल दिया। वहीं वंशिका ने अलगू चौधरी और पूनम यादव ने जुम्मन मिया का किरदार निभाया।
इस अवसर पर प्राचार्य प्रो अनीता कुमारी ने कहा कि यह कहानी हमें अपने मूल्यों के प्रति ईमानदार रहने की सीख देती है। कार्यक्रम का संचालन डा शशिकला जायसवाल एवं डॉ निरंजन कुमार यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष डा संगीता मौर्य ने किया। इस अवसर पर मीडिया प्रभारी डा शिवकुमार जी कहा कि आज का आयोजन प्रेमचंद को समझने और जानने के लिए मुक्कमल रूप से कारगार है। इस अवसर पर डॉ शिखा सिंह, नेहा कुमारी, डा राजेश यादव, डा शैलेंद्र यादव, डा शंभू शरण प्रसाद सहित महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं।