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मऊ जनपद के थाना रामपुर के मर्यादपुर गाँव में मास की दुकानें सड़क के किनारे स्थाई रूप से संचालित हो रही हैं। हैरत के बात यह है कि ये दुकानदार अस्वस्थ मास भी काट लोगों में बीमारी परोस रहे है। इसे देख मार्ग से गुजरने वाले स्कूली बच्चे भी सहम जाते हैं। साफ सफाई के अभाव में तेज दुर्गंध निकलती है। महिलाएं नाक बंद कर दुकानों के रास्ते से गुजरती है। शाकाहारी लोगों का और बुरा हाल जाता है। घरों से स्नान कर दर्शन आदि के लिए निकले कि सामने खुले में मांस की बिक्री देखकर मूड आफ हो जाता है। भले ही यह कुछ लोगों के लिए स्वादिष्ट व्यंजन हो, लेकिन अधिकतर लोगों का खुले में मांस का लोथड़ा देख मन विचलित हो जाता है। इतना ही नहीं अमानवीय कार्य से पशु क्रूरता कानून भी बेदम साबित हो रहा है। बिना साफ-सफाई व मानकों के अनुपालन के मांस की कटान से क्षेत्र में गंभीर रोग फैलने की आशंका बनी हुई है। यूं तो खाने-पीने वाली वस्तुओं के साफ सफाई पर ध्यान देने के निर्देश बहुत पहले से जारी किए गए हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह नजारा पूरे जनपद में है। अभी भी खुलेआम बकरे, मुर्गे सार्वजनिक जगहों पर कट रहे हैं। बाजारों में बर्फ लगी व मरी मछलियां भी धड़ल्ले से बिक रही हैं, जिससे सरकार को राजस्व की हानि तो हो ही रहा है, साथ ही आस-पास का वातावरण भी दूषित हो रहा है। दुकानदार अपनी दुकानों के सामने टाट आदि लगाने की भी व्यवस्था नहीं करते। और तो और दुकानदार अपने घर के बच्चों को भी बैठाकर दुकान का संचालन करा रहे हैं। नियम है कि सड़क से दुकान के अंदर की गतिविधि नहीं दिखाई देनी चाहिए। मांस का टुकड़ा भी खुले में न हो, वह कपड़े आदि से ढका हो। औजारों को विसंक्रमित करने के बाद ही जानवरों को काटा जाना चाहिए। ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न हो। बावजूद यहां नियमों की अनदेखी की जा रही है।