कल आयोजित बाबा भीमराव अंबेडकर जी की 129 वी जयंती के अवसर पर बिहार में बक्सर कैमूर अंतर्गत कहीं कई जगहों पर आशीष पांडे जी उपस्थित हुए एवं उपस्थित सभी ग्रामीण वासियों एवं जनता के बीच यह संदेश दिया कि केवल जुलूस जय भीम के नारे लगाकर हम खुश हो ले रहे हैं तो इस बात से ही हमें अभी खुश होने की आवश्यकता नहीं है हम 70 सालों के बाद भी जो बाबासाहेब ने भारत के सपने की नींव रखी थी कहीं ना कहीं हम उससे पीछे हैं और अपने लोगों को आज भी मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाए हैं जो आरक्षण की व्यवस्था बनाई गई थी उस आरक्षण का लाभ शोषित वंचित पीड़ितों को सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है या वह समझने का प्रयास ही नहीं कर रहे हैं उनके मठाधीश यानी उनकी समाज के नेता बरगलाने का काम करते हैं कलम की बजाय लड़ने की बात सिखाते हैं समाज में नफरत का माहौल बनाते हैं एक वर्ग को उनका दुश्मन बताते हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है भारत की एक-एक नागरिक को संविधान में आस्था है बाबासाहेब को पूछते हैं कुछ लोग वोट की राजनीति में हमारे भाइयों को गुमराह करते हैं और एक समाज को मनुवादी बता कर उनसे नफरत करना सिखाते हैं जबकि बाबासाहेब को पढ़ाने का खर्च बड़ौदा महाराज ने उठाया था तब जाकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से उनकी शिक्षा पूरी हो पाई थी तो मेरा उपस्थित आप सभी जनता से यही आग्रह है अपने अधिकारों को समझिए और मुख्यधारा से खुद को जुड़िए और जातिवादी नेताओं से दूर रहिए यह जातिवादी नेता आपके बच्चे के लिए कभी नहीं सोचते इन्हें तो बस राजनीतिक रोटियां सेकनी है आप के नाम पर राजनीति करके यह कहां से कहां पहुंच जाते हैं और आप आज भी उसी स्थिति में खड़े हो जिस स्थिति में पिछले 40 साल पहले थे तो आप सब आज बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर संकल्प लें की कि हम सब अपने अधिकारों और कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से पालन करेंगे और उनके सपने को साकार करेंगे जय भीम जय संविधान 🙏