सरहदें नहीं होती प्यार की कोई,
न दिन, महीना ,साल होता हैं,
बस! इश्क तो बेमिसाल होता है।
दिल का बुरा हाल होता है,
जब भी होता है बवाल होता है,
सच में!ये जंजाल होता है,
फिर भी ये कमाल होता है।
गोकुल से मथुरा तक…
मथुरा से द्वारका तक
राधा से रुक्मिणी तक
जामवंती , सत्यभामा तक,
युगों -युगों में मीरा तक।
हर बार -हर हाल होता है।
बस उसका ही ख्याल होता है,
प्रेम निधि से मालामाल होता है।
हर उम्र में ये सवाल होता,
आखिर!क्यों कर ये बहाल होता है?