
मोहन भागवत के ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे का पलटवार,
‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा बयान दिया. महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे ने कहा, ‘भारत के जिन लाखों लोगों ने अपनी शहादत देकर अंग्रेजो को खदेड़ा था, उस 15 अगस्त 1947 की आजादी को अगर आप आजादी दिवस नहीं मानेंगे तो कब मानेंगे? देश की आजादी में सबका योगदान था. ऐसे में अलग-अलग धर्म-जाति की बात करना सही नहीं है
कांग्रेस नेता ने दो टूक कहा, ‘देश की आजादी के संग्राम में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को कोई योगदान नहीं था. वहीं कांग्रेस के पास स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किए गए बलिदानों का इतिहास है. जिसने कुछ खोया नहीं, जिसने शहादत नहीं दी, जिसने अपने परिवार को नहीं खोया, जो जेलों में नहीं गए, वो इस देश की आजादी को समझ नहीं सकते. इसीलिए उनको आजादी के अलग-अलग दिन दिखाई देते हैं. देश को आजादी भारत के लोगों ने दिलाई थी. महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिलाई थी. लेकिन जब कोई व्यक्ति जेल नहीं गया या कोई बलिदान नहीं दिया तो वह समझ नहीं सकता कि स्वतंत्रता का मतलब क्या है.’
मोहन भागवत के ऊपर देश द्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए व मोहन भागवत को देश से स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए सेनानियों के अपमान के लिये अपने बयान के लिये माफी मांगना चाहिए!