
पूर्व सासंद श्री राधेमोहन सिंह ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने भाई तेजबहादूर सिंह को याद करते हुए कहा कि मैं पवित्र अवसर पर अपने भैया और गुरु द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामित, स्वर्गीय ठाकुर तेजबहादुर सिंह उर्फ तेजू सिंह जी को याद करता हूँ। उनका योगदान विशेष रूप से हॉकी और कुश्ती के माध्यम से लगभग 1000 बच्चों को देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में रोजगार प्रदान करने में बेहद महत्वपूर्ण रहा है।
भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में गुरु का महत्व अत्यंत गर्व का विषय है। गुरु न केवल ज्ञान का स्रोत होते हैं, बल्कि वे हमारे जीवन में एक मार्गदर्शक भी होते हैं। मेरे भ्राता, स्वर्गीय ठाकुर तेज बहादुर सिंह जी, एक सच्चे गुरु के रूप में आदर्श होने के साथ-साथ, उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से गाज़ीपुर के गरीबों की सेवा करने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
हॉकी का खेल उनकी प्रियतम रुचि थी, और उन्होंने इसे एक माध्यम के रूप में चुना था ताकि वह गरीब बच्चों का कल्याण कर पाए। सच्चे गुरु को कोटि-कोटि नमन।