
जगत मैं आई हो तो,
संसार का कुछ उद्धार करो
अपने अस्तित्व फिर से तुम
एक नई सुंदर शुरुआत करो
जो जग में जाने जाते हैं ,
वही वीर कहलाते हैं
तुम नारी हो ,
नारायणी जैसा तुम काम करो !
हो समाज की ढाल तुम्हीं ,
हैं तुम्हारे ही हाथो में सब
पुरुस्कृत हो या न हो पर ,
जगत कल्याण के लिए तुम
सदैव सद मार्ग को चुनों,
तुम भी प्रतिक हो शक्ति का
अपनी गरिमा को पहिचानों
अपना फिर से इतिहास पड़ो।।
इतिहास में दबी वीर गाथाओं में
कई नारायणी छुपी हुई ,
उनमें से जिज्ञासाओं से भरी हुई
एक नारी हो तुम स्वयं की बात रखो ,
नई पीढ़ी हो नए भारत की तुम
अब अपनी भी एक पहचान चुनों,
सत्य की आंच पर तपकर
कई बार परीक्षाएं दी है तुमने
अब अपनी सत्य की कसौटी पर
तुम अपना अब संसार चुनों,
होगी जीत तुम्हारे हर लक्ष्य की,
अपने नए विचारों से तुम,
नई दिशा में कदम रखो ,
उड़ने के लिए हैं विशाल आसमां
अपने पग से नाप लो जमीं तुम ,
धरती पर तुम सही मार्ग चुनों ।