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मुहब्बत की उम्मीद तुमसे लगी है
वहीं आग सिने में फिर जल पड़ी है
मुझे इश्क में अब नही तुम तुम सताओ
सनम तुमसे मिलने की आशा जगी है
मिले फूल मुझको तमन्ना है लेकिन
मेरी राह देखो काटो से सजी है
अजी इस कदर ना तड़पाओ मुझको
मेरे दिल में उल्फत सी शमा जली है
गले से लगा लो सनम अब संभालो
मेरा हाल जो क्या तुम्हारा वहीं है
खफा चांद से चांदनी अब नही है
नजर में तुम्हारी मुस्कुराहट बसी है
उलझ जो गए तुम गोपाल जग में
नही पाक दामन बची जिंदगी हैं