
समाज सेवा एक पुण्य कार्य हैं, इसके कारण लोग अमर हो जाते है तथा उन्हें सदियों तक याद भी किया जाता हैं. गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं'”परहित सरिस धर्म नहीं भाई ” अर्थात परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है हम बात कर रहे है इस चौपाई को चरितार्थ करने वाले गाजीपुर जनपद के रजनीश मिश्रा जी की जो समाज सेवा के क्षेत्र में युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं लोगो को मदद करना को ही ये सच्चा धर्म मानते है रजनीश पिछले आठ सालों से बिना किसी एनजीओ या संस्थान के लगातार गरीबों बीमारों पीड़ितो की मदद करते है ठंड में गरीबों को कम्बल दिलवाना हो या किसी मरीज को ब्लड दिलवाना हो वृद्धाश्रम में भोजन बांटना, कोरोना योद्धा के रुप मे संघर्ष करना या सोशल मीडिया से मदद करना इत्यादि कार्यों को निस्वार्थ भाव से करते हैं