हाँ, मै वही ब्राह्मण हूँ,
जो राम नाम का अंग वस्त्र पहना करता हूँ,
चलते-फिरते मिलते-जुलते राधे-कृष्णा कहता हूँ ।
फिर ऐसी धारणा सबकी, मुझसे ना देखी जाती है,
जो परशुराम का नाम मै लू, तो क्यो जातिगत समझी जाती है ।
सौ देवी- देवताओ का नारा मंदिरों मे सुनकर आता हूँ,
परशुराम का नाम नही क्यो? ये सोच विस्मित हो जाता हूँ ।
श्रीहरि के छठे अवतार को भगवान नही तो क्या कहु?
सभी रूप के समन्वय श्रीविष्णु है, मै इससे ज्यादा क्या कहु…..