मधुमक्खी ने बना लिया घर अपना ,
नीम के पेड़ पर जाकर तो देख जरा
लोग उसे शहद भरी निगाहों से अब
उस कड़वे नीम को देख रहे आशी ।।
हालात बदले नीम के कुछ इस तरह
जो कड़वा कहके लौट जाते थे कभी ,
पास आते हैं वो मीठी निगाहों के साथ
स्वार्थ बड़ा है मीठे नीम में शहद लगा हैं ।।