अध्यापक, लेखक, कवि व समाजसेवी दिलीप कुमार चौहान ‘बाग़ी’ ने मातृप्रेम का एक अनूठा मिसाल पेश करते हुए वर्तमान समाज को आईना दिखाने का प्रंशननीय कार्य किया है। आज जिस समाज में माँ – बाप को बेटे वृद्धाश्रम का रास्ता दिखाने पर तुले हुए हैं, वहीं दिलीप कुमार चौहान द्वारा अपनी माता स्व. अन्नपूर्णा देवी की मरणोपरांत आदमकद प्रतिमा अपने आंगन में स्थापित कर नित्य पूजा-अर्चना करते हुए माँ -बेटे के रिश्ते को एक नया आयाम प्रदान किया गया है। वर्षों से उनके द्वारा माँ की याद में हर साल 25 मई को विशाल भंडारा व साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन होते रहे हैं। समाज के अति पिछड़े व निस्सहाय लोगों को भोजन, वस्त्र आदि दान स्वरूप भेंट किए जाते हैं। इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से कवि, शायर व बुद्धिजीवी आते हैं और अपनी – अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को संदेश देते हैं।
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के छोटे से गाँव सरयां गुलाबराय निवासी दिलीप कुमार चौहान ‘बाग़ी’ प्रदेश के गाजीपुर जनपद में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। दिलीप कुमार चौहान समाजसेवा के साथ – साथ साहित्य के क्षेत्र में भी अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। उनकी रचनाएँ ‘चाँद में भी दाग है’ व ‘सुलगती हुई चिंगारी’ पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय साबित हुई हैं। बाग़ी जी की रचनाएँ मानव जीवन के हर पहलुओं पर ठहराव के साथ समाज, राष्ट्र, धर्म, प्रेम, ज्ञान, प्रेरणा, जीवन यथार्थ, पश्चाताप आदि पहलुओं को बारीकी से उकेरती हैं। हाल में ही काव्य -संकलन ‘सुलगती हुई चिंगारी’ का विमोचन महामहिम उपराज्यपाल जम्मू -कश्मीर माननीय श्री मनोज सिन्हा जी के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ है। देश-प्रदेश के विभिन्न संस्थानों द्वारा सम्मानित लेखक दिलीप कुमार चौहान की रचनाएँ देश के प्रमुख पत्रिकाओं में भी लगातार प्रकाशित होती रही हैं।
माँ – बाप के प्रति अथाह सम्मान व प्रेम के चलते कवि दिलीप कुमार चौहान ‘बाग़ी’ को समाज में कलयुग के श्रवण कुमार के रूप में देखा जाता है। गरीबों और कमजोरों को सदा अपने सीने से लगा लेने वाले दिलीप कुमार चौहान ‘बाग़ी’ वेतन का कुछ अंश लाचार व बेबस लोगों पर खर्च कर देते हैं। समय निकालकर विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में पहुँचते हुए बच्चों को उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का भी काम करते हैं। शिक्षा, समाज व संस्कृति के क्षेत्रों में अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान के साथ दिलीप कुमार चौहान का राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण सराहनीय है।