*•जनता पर लूट व दमन अगर बंद ना हुआ तो करेंगे बनारस बंद का ऐलान।*
आज सभी राजनैतिक नागरिक छात्र युवा नेतृत्व साझी गोलबंदिंके साथ रविन्द्रपूरी स्थिति डॉ आंबेडकर मूर्ति पर माल्यर्पण कर मार्च कर प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव किया 26 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा और 30 दिनों के अंदर सभी समस्याओं को हल करने व हर तरह के दमन को रोकने की मांग उठाई। और यह भी ऐलान किया कि अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो जल्द पूरे बनारस को बंद करने की तरफ समूचा विपक्ष बढ़ेगा।
प्रतिरोध मार्च के दौरान पुलिस का रवैया दमनात्मक रहा। महात्मा गांधी की फोटो पुलिस प्रशासन द्वारा फाड़ी गई और मार्च को रविंद्रपुरी चौराहे पर भारी पुलिस दल लगाकर रोकने की कोशिश की गई और पुलिस द्वारा लगातार धमकी दी गई। बावजूद इसके आंदोलनकारी अड़े रहें और झड़प के बाद आगे बढ़ते हुए 26 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
बाद में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने संबोधित करते हुए कहा कि बनारस को डबल इंजन की सरकार ने पुलिसिया राज में तब्दील कर दिया है। पुलिस कमिश्नरेट लाकर बनारस में लोकतंत्र को कमज़ोर कर रही है। इस सरकार में छात्र, नौजवान,किसान, व्यापारी, सब परेशान हैं। विकास के नाम पर गरीबों और ठेला पटरी वाले को उजाड़ा जा रहा है। समूचा विपक्ष इसका विरोध करता रहेगा और लोकतंत्र की स्थापना के लिए बार बार सड़कों पर उतरता रहेगा।
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि बनारस के विकास के नाम पर जमीन लूट का केंद्र बन गया है। दर्जन भर इलाकों में हजारों एकड़ किसानों की जमीन लूटने की कोशिश, गरीबों का घर उजड़ा जा रहा है, हर तरफ सर्किल रेट को खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके खिलाफ समूचा विपक्ष लड़ रहे किसानों के साथ खड़ा रहेगा और उनके संघर्षों को तेज करेगा।
नागरिक आंदोलन के नेता एसपी राय ने कहा कि दमन के जरिए मोदी/योगी सरकार की मंशा थी कि समूचे विपक्ष को एक दूसरे से अलग थलग कर दिया जाय, डर और दहशत को कई गुना बढ़ा दिया जाय, पर आज प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव कर राजनैतिक नागरिक छात्र युवा नेतृत्व की ऐतिहासिक एकता का प्रदर्शन कर हमने यह दिखा दिया कि हम डरेंगे नहीं, चुप नहीं रहेंगे, सब मिलकर लड़ेंगे।
ज्ञापन सौंपने के उपरांत 2 मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी जी व महाकुंभ में मृत आत्माओ को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया गया।।
प्रतिरोध मार्च व सभा में मुख्य रूप से सुजीत यादव लक्कड़,राघवेन्द्र चौबे,अनिल श्रीवास्तव(कांग्रेस),राजेश्वर पटेल(जिलाध्यक्ष, कांग्रेस),प्रजा नाथ शर्मा, सजीव सिंह, आनंद मौर्य(सपा), संतोष यादव बबलू एडवोकेट (प्रवक्ता, सपा), दुर्गा प्रसाद गुप्ता, मनीष शर्मा(कम्युनिस्ट फ्रंट), विष्णु शर्मा, गुलशन अली, संजय मिश्रा, डॉ राजेश गुप्ता, उमेश प्रधान, वकील अंसारी, महेंद्र सिंह, सतनाम सिंह, राहुल यादव, अरुण सोनी,अनुराधा यादव, अखिलेश यादव, पखंडी बिंद, रामजनम(स्वराज अभियान), प्रो महेश विक्रम(समाजवादी जनपरिषद), बाबूलाल यादव, छेदीलाल निराला(पीएस4), अवधेश अंबेडकर, शमशाद खां,अजय मुखर्जी(सीपीआई), मनोज यादव, रामदुलार सिंह(भाकपा माले), जितेंद्र पटेल, लक्ष्मण प्रसाद मौर्य(भाकियू), संदीप मिश्रा, फादर आनंद(सांझासांस्कृतिक मंच), कुसुम वर्मा(ऐपवा), मोहित(बीएसएम), राजेंद्र गुप्ता,शाहिद जमाल(एनएसयूआई) आदि सहित सैकड़ो लोग शामिल रहें।