
कविता भावों की अभिव्यक्ति है! जिसका नाम से ही शब्द स्पष्ट है , जहां काव्य कहा जाता है वहां कविता की उपस्थिति का होना आवश्यक है अर्थात कवि की कृति मन के भाव को ही हम कविता कहते हैं ।कवि की जो कृति है उसमें रस और छंद एवं शाब्दिक रूप से जो श्रंखला बनाई जाती है जिसमें कोई विशेष विषय या मन की कल्पना से लेखनी के द्वारा मन के भाव को व्यक्त करते हुए हम सृजन करते हैं यही कविता है। जो एक कवि के मन के भाव को शब्दों के सूत्र से बांधकर व्यक्त करती है। (मैं कविता के ऊपर एक कविता लिखती हूं आशा है आप लोगों को पसंद आएगी।)
मैं यहां घोषणा करती हूं यहां पर कि यह जो कविता है वह मेरे द्वारा स्वरचित है और अप्रकाशित व सर्वाधिकार सुरक्षित है
विषय : कविता के भाव
जो शब्दों की सुंदर गुथी है माला
जो मन के भावों की अभिव्यक्ति है ।।
रस , छंद सभी घुले हुए है जिसमें
यह एक कलमकार की ही कृति है।।
मन भावों से जो उत्पन्न होती सबके
यह कविता काव्य की ही तो बेटी है।।
जब भी ह्रदय में कोई भाव आता है,
सर्वप्रथम कविता का ख्याल आता ।।
सभी प्रकार के भाव है कविता में
सभी विषय पर सृजन की जाती है।।
कवि की कृति से ह्रदय में उतर जाना
यही तो एक श्रेष्ठ ” कविता के भाव ” है ।।