
*👉शिक्षा की कोई उम्र नहीं कहावत को चरितार्थ करशिवमंगल सिंह ने 60 साल की उम्र में 60% से अधिक नंबरों सहित हासिल की वकालत डिग्री*
*👉कक्षा 01 से कानून की पढ़ाई अनिवार्य की सरकार से मांग करने वाले ऑपरेशन विजय सुप्रीमों ने 60 साल की उम्र में ली कानून की डिग्री*
*👉60 साल की उम्र में रेगुलर 05 साल बी.ए.एल.एल.बी. की पढ़ाई कर प्रथम डिवीजन डिग्री लेकर शिवमंगल सिंह ने बनाया इतिहास*
*👉समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित बनाने एवं शिक्षा की कोई उम्र नहीं जैसे विश्व व्यापी संदेश हेतु 60 साल की उम्र में की बीएल एल बी – शिवमंगल सिंह*
शिक्षा की कोई उम्र नहीं इस कहावत को लगभग आम जनमानस ने सुना तो होगा लेकिन, इसको चरितार्थ कर दिखाया है, गैर राजनीतिक, देशव्यापी, देश के कई महामहियों द्वारा सराहनीय एवं 2011 से सभी सामाजिक बुराइयों को जड़ से मिटाने के साथ-साथ समाज हितार्थ बदलाव के लिए संघर्षरत “ऑपरेशन-विजय” (बुराइयों के खिलाफ जंग) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवमंगल सिंह (आईपी) ने, जिन्होंने स्नातक होने के बावजूद 60 साल की उम्र में रेगुलर 2019 से लेकर 2024 तक बी.ए.एल.एल.बी. की पढ़ाई रामा यूनिवर्सिटी कानपुर उत्तर प्रदेश में कर प्रथम डिवीजन में डिग्री हासिल कर इतिहास रचा है।
जिसकी जानकारी एक विशेष फेसबुक लाइव प्रसारण में देते हुए उन्होंने कहा कि हमने बी.ए.एल.एल.बी. की डिग्री हासिल कर जहां देश के 145 करोड़ देशवासियों को यह संदेश देने का प्रयास किया है, कि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती और शिक्षा से ही शक्ति मिलती है और शक्ति से ही सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि करीब 15 वर्ष समाज हितार्थ संघर्ष के बाद हमने पाया कि जहां हमारे देश में पूरी तरह संविधान के तहत चलने का प्रावधान है, और समाज का प्रत्येक व्यक्ति एवं समाज की प्रत्येक कार्यवाही भारतीय संविधान के तहत होती है, और गलती करने पर हमारे संविधान में कहीं भी यह व्यवस्था नहीं है, कि हमें इस गलती की जानकारी नहीं थी, उस दिशा में देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान की जानकारी होना कितना अनिवार्य है ? जिसके लिए हमने एक विशेष अभियान के तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकारों से यह मांग की है, कि कानून संबंधी पढ़ाई कक्षा 01 से शुरू की जाए, उसी के तहत हमने भी 60 साल की उम्र में कानून की पढ़ाई कर अपनी कानून की पढ़ाई कक्षा 01 से शुरू करने की मांग को मजबूती प्रदान की है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारे देश ने जिन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई उन महात्मा गांधी जी ने, भारत के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने, देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने, देश के प्रथम गृहमंत्री एवं लौहपुरुष उपाधि से सम्मानित सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने, लोकनायक की उपाधि से सम्मानित व देश में संपूर्ण क्रांति आंदोलन को सफल बनाने वाले जयप्रकाश नारायण जी सहित तमाम देश की बड़ी एवं प्रमुख हस्तियों ने कानून की डिग्री हासिल की थी व उनमें से अधिकांश को भारत रत्न भी दिया गया।
अंत में उन्होंने कहा कि देश की ताकत अशिक्षित एवं गैर कानून की पढ़ाई करने वाले लोगों के हाथों में आने के बाद उन्होंने शिक्षा एवं कानून की पढ़ाई की अनिवार्यता को ना समझकर देश को जाति, धर्म क्षेत्र आदि के भेदभाव में उलझाकर शिक्षा एवं कानून की पढ़ाई को साइड कर दिया, जिसके लिए ऑपरेशन विजय बुराइयों के खिलाफ शिक्षा एवं कानून की पढ़ाई की अनिवार्यता एवं समाज में व्याप्त सभी सामाजिक बुराइयों व कुरीतियों को मिटाने के साथ-साथ समाज हितार्थ ऐतिहासिक बदलाव लाने के लिए भविष्य में न सिर्फ निर्णायक संघर्ष करेगा बल्कि परिणाम भी लाएगा।