
श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का तीसरा वार्षिक संस्करण पार्श्व अंतर्राष्ट्रीय विवि सेवार्थ न्यास, गिरिडीह द्वारा 14 अप्रैल 2024 अयोध्या में भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव भगवान राम, रामराज्य, लोक परम्परा व भारत की स्वर्णिम संस्कृति को समर्पित उत्सव है। गिरिडीह जिले के अधिकारी डॉ. सुरेश वर्मा इसके संस्थापक हैं।
विगत वर्ष श्री लल्लू सिंह, सांसद अयोध्या मुख्य अतिथि के रूप में आये थे। ‘श्रीराम’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया था। जिसके प्रधान संपादक डॉ. सुरेश ही हैं।
सरयू नदी की सुरम्य धाराओं और उस पर स्थित वैदिक संस्कृति की कई महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों की साक्षी श्रीराम और अयोध्या की सांस्कृतिक परंपरा और विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन वर्ष 2022 से लगातार किया जाता है। मुख्य अतिथि के रूप में मंत्रीगणों, सांसद, कलाकार इत्यादि की उपस्थिति के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों की भी उपस्थिति रहेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीआईयू ट्रस्ट के अध्यक्ष व प्रसिद्ध शिक्षाविद् श्री दिनेश्वर वर्मा करेंगे। डॉ. सुरेश वर्मा, श्री दिनेश्वर वर्मा और ट्रस्ट के 7 सालों के अनवरत आंदोलन के कारण गिरिडीह में एक विश्वविधालय की स्थापना की जा रही है। जिसमें जिले के प्रबुद्ध जनों की भी भूमिका रही है।
इस महोत्सव के संस्थापक व ‘श्रीराम’ पुस्तक के लेखक व अधिकारी डॉ. सुरेश जो साहित्य की दुनिया में ‘प्रियदर्शी’ के नाम से जाने जाते हैँ,
ने बताया की प्रतिभागियों, रामभक्त को राम मंदिर दर्शन के साथ-साथ श्रीराम और सीता की विशेष स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाएंगे। राम बैंड, राम काल का फैशन, कवि सम्मेलन, शास्त्रीय नृत्य, भजन, पुस्तक विमोचन आदि इस महोत्सव के मुख्य आकर्षण हैं। उपाध्यक्ष श्री राम रतन श्रीवास “राधे-राधे” भी मौजूद रहेंगे। ट्रस्ट 22 जनवरी 2024 के श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही
कोडरमा जिले के फुलवारिया में एक गुरुकुल पद्धति पर आधारित ‘श्रीराम विद्याकुलम’ के नाम से एक आधुनिक शिक्षा केंद्र की स्थापना कर चुकी है।
बता दें की ट्रस्ट द्वारा गिरिडीह में करिहारी व नगलो में दो गुरुकुल की स्थापना 2023 में की गयी है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में कम्प्यूटर सहित संस्कार की शिक्षा दी जा रही है।
डॉ. वर्मा ने बताया की देश के विभिन्न कवियों की कवितायों से सुसज्जित ‘सुसभ्यता के राम’ पुस्तक का भी विमोचन किया जायेगा।
विदेशों से वर्षा के. कुवैत से, डॉ. सुरीति रघुनन्दन मौरिशस् से, राजेश चतुर्वेदी, दुबई से, डॉ शकुंतला टेलर, कवि नीरज नीर, गीता शर्मा, डॉ. प्रतिभा जावड़ा, श्रीमती उमेश नाग, अभिनेता सुनील दत्त, डा.अभिषेक कुमार इत्यादि देश-दुनिया के हर प्रांत से एक से बढ़कर एक साहित्यकारों और प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति रहेगी। ट्रस्ट के तत्वाधान में पहले भी कई साहित्यिक महोत्सवों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें युवा संसद, किसान संसद, नई दिल्ली/बुद्ध, नालंदा, काशी-विश्वनाथ, महाकाल/मीरा महामहोत्सव इत्यादि अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव, रांची/जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल, पार्श्वनाथ/मधुबन महोत्सव, गिरिडीह आदि शामिल हैं। कुवैत, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस, दुबई, ब्रिटेन, अमेरिका
आदि से साहित्यकार प्रतिभाग ले रहे हैं। विश्व हिन्दू सिख जैन बौद्ध एकता परिषद भी इसमें एक सहयोगी संस्था के रूप में कार्य कर रही है। इस महोत्सव की देश भर में गूंज है। ट्रस्ट आज शिक्षा, समाज सेवा, कल्याण कार्य के जरिये देश निर्माण में भागीदारी निभा रहा है।