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इथेनॉल या एथिल अल्कोहल का उपयोग सफाई उत्पादों, विलायकों और एंटीसेप्टिक के रूप में व्यापक रूप से किया जाता है।

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हैंड सैनिटाइज़र में कम से कम 60% इथेनॉल की सांद्रता को प्रभावी माना जाता है, क्योंकि यह बैक्टीरिया और वायरस को मारकर संक्रमण के प्रसार को रोकने में सक्षम होता है।

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इसके रोगाणुरोधी गुण इसे संक्रामक रोग फैलाने वाले माइक्रोऑर्गेनिज्म के खिलाफ कारगर बनाते हैं।

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अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, इथेनॉल या आइसोप्रोपिल अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र हाथों की सफाई के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प हैं।

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विशेषज्ञों का मानना है कि सही मात्रा और तरीके से इसका इस्तेमाल हाथों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने में अत्यंत प्रभावी है।

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हालांकि, रोजमर्रा के उपयोग में इसके संभावित जोखिमों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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अत्यधिक या अनुचित उपयोग से त्वचा में जलन, सूखापन और अन्य एलर्जी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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इसलिए, इथेनॉल आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग सावधानीपूर्वक और सुझाई गई मात्रा में ही करना चाहिए, ताकि इसके लाभों के साथ संभावित जोखिमों से भी बचा जा सके।