भारतीय तेज गेंदबाज Mohammed Siraj ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि क्रिकेट सिर्फ गेंद और बल्ले का खेल नहीं, बल्कि यह शरीर और आत्मा की परीक्षा भी है। इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में सिराज ने जो मेहनत की, वह किसी ओलंपिक एथलीट से कम नहीं रही। उनकी एनर्जी, समर्पण और निरंतर प्रयास ने हर क्रिकेट प्रेमी को प्रभावित किया है।
टेस्ट सीरीज़ में दौड़े 31 किलोमीटर, बिना मैदान छोड़े
इस सीरीज़ में सिराज ने कुल 185.3 ओवर यानी 1113 गेंदें फेंकीं। यदि उनके रन-अप की औसत दूरी 14 मीटर मानी जाए और गेंदबाज़ी के बाद वापसी की दूरी भी जोड़ी जाए, तो एक गेंद के लिए वह लगभग 28 मीटर दौड़े। इस तरह कुल 1113 गेंदों पर उन्होंने लगभग 31 किलोमीटर दौड़ पूरी की। यह दूरी ओलंपिक की हाफ मैराथन (21 किलोमीटर) से करीब 10 किलोमीटर ज़्यादा है।

ओलंपिक के एथलीटों को भी दे सकते हैं टक्कर
अगर सिराज की गेंदबाज़ी के दौरान की गई दौड़ को देखा जाए, तो यह ओलंपिक की 35 किलोमीटर वॉक रेस से सिर्फ 4 किलोमीटर कम और फुल मैराथन (42.19 किलोमीटर) से सिर्फ 11 किलोमीटर पीछे है। इस तुलना से यह स्पष्ट होता है कि एक टेस्ट गेंदबाज़ भी किसी ओलंपिक खिलाड़ी की तरह ही कठोर मेहनत करता है।
गेंदबाज़ी के साथ-साथ फील्डिंग और बल्लेबाज़ी में भी खूब दौड़े
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह दूरी केवल गेंदबाज़ी की है। इसमें फील्डिंग और बल्लेबाज़ी के दौरान की गई दौड़ शामिल नहीं है। यदि उन्हें भी जोड़ा जाए, तो सिराज ने पूरी टेस्ट सीरीज़ में 40 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की होगी। यह आंकड़े बताते हैं कि क्रिकेट में एक खिलाड़ी का शारीरिक योगदान कितना विशाल होता है।
23 विकेटों के पीछे छिपी कड़ी मेहनत की कहानी
मोहम्मद सिराज ने इस टेस्ट सीरीज़ में कुल 23 विकेट चटकाए और वह भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ साबित हुए। लेकिन यह सफलता उन्हें यूं ही नहीं मिली। इसके पीछे उनकी अथक मेहनत, फिटनेस और खेल के प्रति जुनून शामिल है। सिराज की यह उपलब्धि सिर्फ आँकड़ों की नहीं, बल्कि प्रेरणा की मिसाल है।









