जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा की चार सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हो रहा है. इस बार सात उम्मीदवार मैदान में हैं. चार नेशनल कॉन्फ्रेंस और तीन बीजेपी के हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस को पीडीपी और कांग्रेस का समर्थन मिला है, जिससे दो सीटों पर उनकी जीत पक्की मानी जा रही है. वोटिंग शाम 4 बजे तक चलेगी और नतीजे शाम 5 बजे घोषित होंगे. यह 2019 के बाद पहला राज्यसभा चुनाव है.
तीसरी और चौथी सीट पर सस्पेंस
पहली दो सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मुहम्मद रमज़ान और सज्जाद किचलू की जीत तय मानी जा रही है. असली मुकाबला तीसरी और चौथी सीट के लिए है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के इमरान डार और गुरविंदर सिंह ओबेरॉय का मुकाबला बीजेपी के सत शर्मा से है. सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवार विजेता घोषित होंगे.

राजनीतिक समर्थन और रणनीति
महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने तीसरी सीट के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन किया है, लेकिन चौथी सीट के लिए नहीं. कांग्रेस ने चौथी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है. निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. एनसी उम्मीदवारों को 57 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें एनसी के 41, कांग्रेस के 6, निर्दलीय 6, पीडीपी के 3 और सीपीआई (एम) के 1 विधायक शामिल हैं. बीजेपी के पास 28 वोट हैं.
वोटिंग और क्रॉस वोटिंग की संभावना
सत्तारूढ़ गठबंधन में ओबेरॉय और डार के बीच वोट बंटने की संभावना है. सभी बीजेपी विधायक शर्मा को वोट देंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस ओबेरॉय को 29 और डार को 28 वोट दे सकती है, जो बीजेपी के कुल 28 वोटों के बराबर है. विश्लेषकों के अनुसार, जब तक क्रॉस-वोटिंग नहीं होती, बीजेपी के लिए जीतना मुश्किल है. उम्मीदवार को जीतने के लिए 29 वोट चाहिए होंगे.
विधानसभा का समीकरण
विधानसभा में एनसी के 41 विधायक, कांग्रेस के 6, पीडीपी के 3, सीपीआई (एम) के 1 और निर्दलीय 6 विधायक हैं. अगर उमर अब्दुल्ला सरकार को पीडीपी के तीन वोट, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, इंजीनियर राशिद की एआईपी और आम आदमी पार्टी के एक-एक वोट और निर्दलीय विधायकों के दो वोट मिल जाते हैं तो चौथी सीट भी जीत सकते हैं. बीजेपी के लिए स्थिति कठिन है क्योंकि उनके पास सिर्फ 28 विधायक हैं और एक सीट जीतने के लिए दो और वोटों की जरूरत है.








