प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वोत्तर-बिहार दौरा! 36 हजार करोड़ की सौगात, मखाना बोर्ड से किसानों को बड़ी राहत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 सितंबर तक पूर्वोत्तर और बिहार के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। सबसे पहले 13 सितंबर को पीएम मिजोरम पहुंचेंगे जहां वे आइजोल में लगभग 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे मणिपुर का दौरा करेंगे और चुराचांदपुर में लगभग 7,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

मणिपुर के बाद प्रधानमंत्री दोपहर में इम्फाल पहुंचेंगे जहां 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन होगा। शाम को वे असम जाएंगे और गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के समारोह में हिस्सा लेंगे। अगले दिन यानी 14 सितंबर को असम में ही वे 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वोत्तर-बिहार दौरा! 36 हजार करोड़ की सौगात, मखाना बोर्ड से किसानों को बड़ी राहत

14 सितंबर को प्रधानमंत्री दरांग जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और कई परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। दोपहर में वे गोलाघाट स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी प्लांट का उद्घाटन करेंगे। यह रिफाइनरी असम बायो-एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी है। इसके अलावा, पीएम गोलाघाट में पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट की आधारशिला भी रखेंगे। इन परियोजनाओं से असम में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल जाएंगे। वे सुबह कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन देश की सुरक्षा रणनीतियों और रक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर केंद्रित होगा।

पश्चिम बंगाल के दौरे के बाद पीएम मोदी बिहार पहुंचेंगे। वे पूर्णिया हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे और लगभग 36,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। सबसे खास बात यह होगी कि वे राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ करेंगे। यह बोर्ड उत्पादन और नई तकनीक को बढ़ावा देगा, कटाई के बाद प्रबंधन, मूल्य संवर्धन और मखाना के निर्यात को सुगम बनाएगा। बिहार देश के कुल मखाना उत्पादन में 90 फीसदी योगदान करता है। मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे जिले मखाना उत्पादन के बड़े केंद्र हैं। इस बोर्ड की स्थापना से बिहार वैश्विक स्तर पर मखाना उत्पादन में अपनी पहचान मजबूत करेगा।

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