कर्नाटक में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राज्य सरकार में IT मंत्री प्रियांक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने सरकारी परिसरों और स्कूलों, कॉलेजों में RSS की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की थी। इस कदम के बाद राजनीतिक वातावरण में भूचाल सा आ गया है।
मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को जानकारी दी कि उन्हें लगातार धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर सवाल उठाने की हिम्मत करने के कारण उन्हें और उनके परिवार को धमकियों, गालियों और डराने-धमकाने वाले कॉल्स का सामना करना पड़ रहा है।

धमकियों से नहीं डरेंगे
प्रियांक खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि ये धमकियां उन्हें चुप नहीं कर सकतीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो वे विचलित हैं और न ही हैरान। उनका कहना है कि यह अभी सिर्फ शुरुआत है और अब समय है कि बुद्ध, बसवन्ना और बाबासाहेब के सिद्धांतों पर आधारित समाज का निर्माण किया जाए। वे चाहते हैं कि समाज समानता, तर्क और करुणा पर आधारित हो और देश को सबसे खतरनाक वायरस से मुक्त किया जाए।
राजनीतिक परिदृश्य
इस मामले ने कर्नाटक में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। मंत्री की मांग और उसके बाद आए धमकी भरे कॉल्स ने सरकार और विपक्ष दोनों की सक्रियता बढ़ा दी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस विवाद से राज्य में सार्वजनिक संस्थानों में गतिविधियों को लेकर बहस तेज होगी।









