India-China Border Trade को पांच साल बाद फिर से शुरू करने की दिशा में द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो गई है। यह व्यापार लंबे समय से बंद था और इसे बहाल करना दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह बातचीत प्रारंभिक और गोपनीय स्तर पर जारी है। दोनों देशों ने सीमित सीमा व्यापार मार्गों के माध्यम से व्यापार शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग इस मुद्दे पर भारत के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सीमा व्यापार ने दोनों देशों के सीमा क्षेत्रों में निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीमित सीमा व्यापार का इतिहास
भारत और चीन के बीच सीमित सीमा व्यापार पिछले तीन दशकों से हो रहा है। इस व्यापार में स्थानीय वस्तुएं जैसे मसाले, कालीन, लकड़ी के फर्नीचर, औषधीय पौधे, मिट्टी के बर्तन, पशु चारा, ऊन और इलेक्ट्रॉनिक सामान लेन-देन किए जाते थे। यह व्यापार 3,488 किलोमीटर लंबी विवादित हिमालयी सीमा पर तीन निश्चित बिंदुओं से होता था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2017–18 में इस व्यापार का कुल मूल्य लगभग 3.16 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। हालांकि इसका पैमाना छोटा था, लेकिन यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी साबित हुआ।
कोविड और गलवान घटना के बाद ठहराव
कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच सीमा व्यापार बंद हो गया था। इसी दौरान, गलवान घाटी में हिंसक झड़प ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। इस घटना में 2020 में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए जबकि कम से कम 4 चीनी सैनिक भी मारे गए। इसके बाद, दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव उत्पन्न हो गया। इस घटनाक्रम के कारण सीमा व्यापार पर भी रोक लग गई और दोनों देशों के बीच आर्थिक संपर्क सीमित हो गया।
संबंधों में नरमी के संकेत
हाल के महीनों में, दोनों पक्षों ने तनाव कम करने के लिए कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट संचालन भी जल्द ही शुरू हो सकता है। इसके अलावा, चीन ने भारत को उर्वरक निर्यात पर कुछ प्रतिबंधों में ढील दी है। ये संकेत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंधों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। यह पहल ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बना हुआ है।
व्यापार और कूटनीति में संतुलन
यह पहल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। सीमा व्यापार के बहाल होने से दोनों देशों के स्थानीय निवासियों को आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही, यह कदम भारत और चीन के बीच रणनीतिक संबंधों में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सीमित सीमा व्यापार के माध्यम से दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ सकता है। इस प्रकार, व्यापार और कूटनीति के संतुलन को बनाए रखना इस पहल की सफलता की कुंजी होगी।