Earthquake: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। चंबा जिले में तड़के सुबह दो बार धरती हिली। पहला झटका रात 3:27 बजे आया जिसकी तीव्रता 3.3 रिक्टर स्केल पर दर्ज हुई, वहीं दूसरा झटका सुबह 4:39 बजे महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 4 मापी गई। भूकंप के झटकों के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए और डर का माहौल बन गया। राहत की बात यह है कि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
बारिश ने मचाई तबाही
भूकंप के डर से उबर भी नहीं पाए थे कि भारी बारिश ने हिमाचल में तबाही मचा दी। कुल्लू जिले के कानोन गांव में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे एक पुल और तीन दुकानें बह गईं। लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों में भूस्खलन हुआ और जिला प्रशासन को कुल्लू व बंजार उपमंडल में सभी स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्र बंद करने पड़े।
Another earthquake of magnitude 4.0 strikes Himachal Pradesh's Chamba at 4:39 am. pic.twitter.com/x9VrLyj9Ze
— ANI (@ANI) August 19, 2025
शिमला में बड़ा खतरा, नेताओं की निकासी
राजधानी शिमला में रामचंद्र चौक के पास भूस्खलन के बाद हालात बिगड़ गए। सोमवार देर रात मंत्री, विधायक और कई सरकारी कर्मचारियों समेत करीब 40 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी, कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी और आशीष बुटैल को भी अपने सरकारी आवास खाली करने पड़े। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन चोटी शिमला इलाके में पेड़ उखड़ गए और एक इमारत की छत क्षतिग्रस्त हो गई।
मंडी और कुल्लू में नुकसान
मंडी जिले के पधर क्षेत्र की शिल्हबुधानी और तरसावां पंचायतों में भारी बारिश से खेतों को नुकसान पहुंचा। यहां एक दुकान, एक वाहन और एक पैदल पुल बह गया। कुल्लू व बंजार उपमंडल से भी बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई है, जिनसे सड़कों का अवरुद्ध होना, छोटे पुल बह जाना और संपत्ति को नुकसान जैसी समस्याएं हुईं।
किन्नौर कैलाश यात्रा रद्द
लगातार खराब मौसम के चलते किन्नौर प्रशासन ने किन्नौर कैलाश यात्रा 2025 को रद्द कर दिया है। डीसी अमित कुमार शर्मा ने आदेश जारी कर कहा कि अगले 5–7 दिनों तक भारी बारिश और घने कोहरे का अलर्ट है, ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा रोकनी जरूरी है। आदेश के मुताबिक अगर कोई यात्री यात्रा मार्ग पर पाया गया तो उसे तुरंत बेस कैंप वापस भेजा जाएगा और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।









