वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार मिला। इसी अवसर पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने मचाडो और राहुल गांधी की तुलना कर दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भी भारत में संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए उनके मुताबिक, उन्हें भी इसी तरह का सम्मान मिलना चाहिए।
सुरेंद्र राजपूत ने सोशल मीडिया पर मचाडो और राहुल गांधी की एक साथ फोटो शेयर की। उन्होंने लिखा कि इस बार शांति का नोबेल पुरस्कार वेनेजुएला के विपक्षी नेता को संविधान की रक्षा के लिए दिया गया है। भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी भी देश के संविधान को बचाने की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं।
इस बार का नोबल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता को मिला है संविधान की रक्षा करने के लिये।
हिंदुस्तान 🇮🇳 के विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी देश के संविधान को बचाने की लड़ाई लड रहे है । pic.twitter.com/xcgfkJixlZ— Surendra Rajput (@ssrajputINC) October 10, 2025
बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी
बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी के लिए नोबेल पुरस्कार मांग रही है। पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए, लेकिन 99 बार चुनाव हारने के बाद। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पाखंड, झूठ और 1975 व 1984 में लोकतंत्र और संविधान के हनन के लिए भी पुरस्कार मिलना चाहिए।
राहुल गांधी की तानाशाही के खिलाफ लड़ाई
कांग्रेस लंबे समय से कहती रही है कि राहुल गांधी मौजूदा एनडीए सरकार की तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कुछ ऐसे मुद्दे उठाए, जिनमें वोट चोरी, बिहार की मतदाता सूची से जानबूझकर नाम हटाना, चुनावों में ईवीएम हैकिंग और पिछड़े वर्गों के आरक्षण समाप्त करने जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हैं।
विपक्ष का इंडिया गठबंधन और एनडीए को चुनौती
एनडीए को चुनौती देने के लिए कई विपक्षी दलों ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन बनाया है। उनका दावा है कि बेरोजगारी बढ़ रही है, देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति/जनजाति के अधिकारों के साथ समझौता किया गया है और आवाज उठाने वालों को दबाया जा रहा है। इसलिए उनका उद्देश्य एनडीए सरकार को सत्ता से हटाना है।









