भारत में मेड इन इंडिया टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को घोषणा की कि उन्होंने अपना ईमेल प्लेटफॉर्म Gmail से बदलकर Zoho Mail पर स्विच कर लिया है। उन्होंने यह जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की और अपना नया ईमेल आईडी भी बताया। शाह ने कहा कि अब सभी भविष्य के सरकारी और आधिकारिक ईमेल इसी नए आईडी पर भेजे जाएं।
इस कदम से डिजिटल आत्मनिर्भरता को मजबूत संदेश मिला है और यह दर्शाता है कि भारत की विकसित टेक्नोलॉजी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है। Zoho Corporation ने Zoho Mail बनाया है, जिसे Gmail और Microsoft Outlook का स्वदेशी विकल्प माना जा रहा है।
Hello everyone,
I have switched to Zoho Mail. Kindly note the change in my email address.
My new email address is amitshah.bjp @ https://t.co/32C314L8Ct. For future correspondence via mail, kindly use this address.
Thank you for your kind attention to this matter.
— Amit Shah (@AmitShah) October 8, 2025
Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने अमित शाह के इस कदम पर खुशी जताई और कहा कि यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता के मिशन के लिए गर्व का पल है। Zoho का चैटिंग ऐप Arattai भी हाल ही में चर्चा में रहा है, खासकर तब से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेड इन इंडिया ऐप्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही थी।
Gmail से Zoho Mail पर स्विच कैसे करें
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Zoho Mail की वेबसाइट पर जाकर फ्री या पेड प्लान चुनें और साइन-अप करें। मोबाइल नंबर और रिकवरी ईमेल सेट करें।
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Gmail → Settings → Forwarding and POP/IMAP में जाकर Enable IMAP ऑन करें ताकि Zoho आपका Gmail डेटा एक्सेस कर सके।
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Zoho Mail में Settings → Import/Export या Migration Wizard पर जाकर ईमेल, फोल्डर्स और कॉन्टैक्ट्स Gmail से इम्पोर्ट करें। बड़े मेलबॉक्स के लिए यह प्रोसेस समय ले सकता है।
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Gmail की Settings में अपने नए Zoho एड्रेस पर फॉरवर्डिंग ऑन करें ताकि आने वाले नए ईमेल Zoho पर भी पहुंचें। वैरिफाई करना न भूलें।
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अपने बैंक, सेवाओं, सोशल मीडिया और सब्सक्रिप्शंस में नया Zoho ईमेल अपडेट करें। कॉन्टैक्ट्स को नोट भेजकर नया आईडी शेयर करें।
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Google Takeout से बैकअप लें। Zoho में दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (2-FA) चालू करें और सिग्नेचर/ऑटो-रिस्पॉन्डर सेट करें।
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पुराने Gmail के लिए ऑटो-रिप्लाई चालू रखें और कुछ हफ्ते दोनों मेलबॉक्स साथ चलाएं ताकि कोई मेल मिस न हो।
यह बदलाव न केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए बल्कि सरकारी और आधिकारिक ईमेल के लिए भी भारत की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।









