भारत और अमेरिका के रिश्तों में इन दिनों तनाव देखने को मिल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 27 अगस्त से 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है. इस कदम का असर भारत के कई उद्योगों पर सीधे तौर पर पड़ने वाला है. इसके कारण व्यापारियों और आम लोगों की चिंता बढ़ गई है.
टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ओडिशा के मछली उद्योग पर पड़ने वाला है. समुद्री खाद्य निर्यातक संघ ने इस पर चिंता जताई है. संघ के अनुसार, भारत पर अमेरिकी टैरिफ से मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े कम से कम 15 लाख लोगों की आजीविका प्रभावित होगी. यह संख्या काफी बड़ी है और तटीय राज्यों में जीवन पर सीधा असर डाल सकती है.

बाजार में टिकना मुश्किल
भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक तारा रंजन पटनायक का कहना है कि अमेरिकी बाजार में भारतीय व्यापारियों के लिए प्रतिस्पर्धा करना अब मुश्किल हो गया है. वियतनाम और अन्य एशियाई देशों के निर्यातकों पर कम दर से टैरिफ लगाया जाता है. इसलिए अमेरिकी बाजार में भारतीय व्यापारी टिक नहीं पाएंगे. इसका असर सीधे लोगों की आमदनी पर होगा.
उत्पादन और निर्यात में कमी
फाल्कन मरीन एक्सपोर्ट्स के अध्यक्ष ने बताया कि टैरिफ लागू होने से पहले ही उत्पादन और संग्रहण कम कर दिया गया है. यह उत्पादन मुख्य रूप से अमेरिका को निर्यात किया जाता था. ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में इसका प्रभाव पहले ही दिखाई देने लगा है. यदि अमेरिकी मांग खत्म हुई, तो माल के अन्य बाजार नहीं मिल पाएंगे.
अन्य सेक्टर भी प्रभावित
टैरिफ का असर केवल मछली उद्योग तक सीमित नहीं है. टेक्सटाइल और अन्य उद्योग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. बंगाल, यूपी और ओडिशा के निर्यातक चिंतित हैं. सरकार ने इस पर बातचीत शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इस स्थिति ने व्यापारियों और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है.









