लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च! राजनाथ सिंह ने दी हरी झंडी, भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का नया संदेश

लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च! राजनाथ सिंह ने दी हरी झंडी, भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का नया संदेश

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई द्वारा तैयार की गई ब्राह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि यह दिन देश की रक्षा व ‘आत्मनिर्भरता’ के संकल्प को नई ऊर्जा देगा और ब्रह्मोस ने अपनी ताकत साबित कर दी है। उनका यह संदेश भी था कि अब उत्तर प्रदेश हर तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।

रक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि लखनऊ उनके लिए सिर्फ संसदीय क्षेत्र नहीं, बल्कि आत्मा में बसा शहर है — यहाँ तहजीब भी है और तकनीक भी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस प्रोजेक्ट उनके लिए व्यक्तिगत रूप से भी खास रहा है और उन्होंने इसे करीब से देखा व समझा है।

ऑपरेशन सिंदूर और ब्रह्मोस का प्रभाव

राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने ब्रह्मोस का प्रैक्टिकल प्रदर्शन करवा कर दुनिया व देशवासियों के बीच इसका भरोसा बढ़ाया है। उनके शब्दों में अब आम आदमी से लेकर वैज्ञानिक तक, सब जान गए हैं कि ब्रह्मोस कितनी ताकतवर मिसाइल है। यही भरोसा देश के लिए एक बड़ी अवसर भी है और इंजीनियरों, तकनीशियनों व कर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि इस भरोसे पर खरा उतरा जाए।

लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च! राजनाथ सिंह ने दी हरी झंडी, भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का नया संदेश

उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रह्मोस सिर्फ हमारे सैन्य बल की ताकत नहीं, बल्कि यह संदेश भी है कि उत्तर प्रदेश किसी भी सुरक्षा चुनौती को संभालने के लिए तैयार है — चाहे वह आंतरिक हो या बाहरी।

ब्रह्मोस मिसाइल — मुख्य विशेषताएँ (सरल भाषा में)

  • सुपरसोनिक: ब्रह्मोस बहुत तेज उड़ती है — ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना (Mach 3) तक।
  • सटीक प्रहार: लक्ष्य को बहुत सटीक तरीके से नष्ट कर सकती है; प्रिसिजन स्ट्राइक में सक्षम।
  • कई प्लेटफार्म से लॉन्च: जमीन, समुद्र (जहाज) और हवा (लड़ाकू विमान) — तीनों से दागी जा सकती है।
  • वारहेड क्षमता: लगभग 500 किलो तक का वारहेड ले जा सकती है।
  • समुद्र और जमीन दोनों पर प्रयोग: समुद्री और स्थल दोनों तरह के लक्ष्यों पर कार्यक्षम।

रेंज (दूरी)

  • पहले करीब 290 किलोमीटर रेंज थी।
  • बाद के संस्करणों में रेंज 400–500 किलोमीटर तक बढ़ाई जा चुकी है, और कुछ प्रयोग 800 किलोमीटर तक की रेंज पर भी चल रहे हैं।

खतरा कितना बड़ा है?

ब्राह्मोस की उच्च गति और सटीकता इसे दुश्मन के लिए पकड़ना मुश्किल बनाती हैं। अचानक तेज गति से आने की वजह से रडार और विरोधी प्रणालियों के लिए रोकना कठिन होता है। इसलिए इसे बहुत प्रभावी और खतरनाक हथियार माना जाता है।

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