इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार पर कई अहम घटनाओं का असर देखने को मिलेगा। बाजार की चाल मुख्य रूप से जीएसटी काउंसिल की मीटिंग, आर्थिक आंकड़े और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से प्रभावित होगी। इसके अलावा टैरिफ पर चल रही चर्चाएँ, वैश्विक बाजार के रुझान और ऑटोमोबाइल की बिक्री के आंकड़े भी निवेशकों की सोच को दिशा देंगे। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर के अनुसार, सरकारी खर्च और नीतिगत कदमों की वजह से पहली तिमाही में जीडीपी के मजबूत आंकड़े भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं और इसे बाहरी चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। हालांकि, राजकोषीय चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं। टैरिफ विवाद का समाधान निकलना बाजार की धारणा को सकारात्मक दिशा दे सकता है।

बाजार की नजर मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस और PMI के आंकड़ों पर रहेगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारी टैरिफ लगाने से पहले जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने मजबूत प्रदर्शन किया और 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यह पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि थी। हालांकि, अगर टैरिफ लागू होते हैं तो कपड़ा जैसे प्रमुख निर्यातों को खतरा हो सकता है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा के अनुसार, यह सप्ताह घटनाओं से भरा रहेगा और नए महीने की शुरुआत होगी। निवेशक इस दौरान एचएसबीसी के मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस और पीएमआई के आंकड़े और वाहन बिक्री के डेटा पर भी नजर रखेंगे।
इस हफ्ते बाजार की नज़र रुपये-डॉलर की विनिमय दर और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, बाजार की नज़र 3-4 सितंबर को प्रस्तावित GST सुधारों पर चर्चा के लिए होने वाली GST काउंसिल की बैठक पर भी रहेगी। साथ ही, सोमवार को बाजार भारत के नए GDP आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देगा। पिछले हफ्ते BSE सेंसेक्स 1497.2 अंक या 1.84 फीसदी और NSE निफ्टी 443.25 अंक या 1.78 फीसदी गिरा था।









