असम में बड़ी खबर सामने आई है। असम सिविल सेवा (ACS) की अफसर नूपुर बोरा को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि उनके घर से बेहिसाब संपत्ति मिली है।
नूपुर बोरा 2019 बैच की अफसर हैं। पिछले छह महीनों से उन पर विशेष सतर्कता शाखा नजर रख रही थी। आरोप है कि वह जमीन के सौदों में गड़बड़ी कर मोटी रकम कमा रही थीं। हाल ही में जब उनके ठिकानों पर छापेमारी हुई तो पुलिस को वहां से भारी नकदी और गहनों का जखीरा मिला।
छापेमारी में जो सामने आया उसने सबको चौंका दिया। नूपुर बोरा के गुवाहाटी वाले घर से 92.50 लाख रुपये से ज्यादा नकद मिला। इसके अलावा करीब 1.5 करोड़ रुपये के गहने भी बरामद हुए। बरपेटा में उनके किराए के मकान से भी 10 लाख रुपये नकद मिले। सिर्फ पांच साल की नौकरी में इतनी बड़ी संपत्ति इकट्ठा कर लेना सरकार से लेकर आम लोगों तक सबको हैरान कर गया।
असम सरकार की एक अधिकारी के खिलाफ अवैध धन प्राप्त करने के मामले में कार्रवाई जारी है।
सरकार को सूचना मिली है कि यह अधिकारी हिंदुओं की ज़मीन एक विशेष समुदाय को हस्तांतरित कर रही थी। pic.twitter.com/giYYtf0z7r
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 15, 2025
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि नूपुर बोरा ने बरपेटा में सर्किल ऑफिसर रहते हुए हिंदुओं की जमीन संदिग्ध लोगों को ट्रांसफर की थी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि ऐसे भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में।
उन्होंने यह भी बताया कि जांच में सामने आया है कि नूपुर बोरा ने अपनी आय से 400 गुना ज्यादा संपत्ति जमा कर ली थी। सरमा ने कहा कि सिर्फ सस्पेंड या नौकरी से निकालना काफी नहीं है, उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत कड़ी सजा मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने जनता से अपील की कि अगर कोई अधिकारी रिश्वत मांगे तो तुरंत इसकी जानकारी सरकार को दें।
पुलिस ने नूपुर बोरा के साथ काम करने वाले उनके सहयोगी सुरजीत डेका के घर पर भी छापा मारा। जांच टीम को शक है कि दोनों ने मिलकर बरपेटा में कई जमीनों की खरीद-फरोख्त की है। अब उनकी बैंक डिटेल्स और जमीन से जुड़े सभी सौदों की गहराई से जांच की जा रही है









